जिम्बाब्वे के तीन नागरिक गिरफ्तार
कोलकाता। अधिक मुनाफे का लालच देकर एक कोलकाता निवासी को करोड़ों की चपत लगाने वाले अंतरराष्ट्रीय ठग गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। इस मामले में जिम्बाब्वे के तीन नागरिकों को पंजाब के मोहाली से गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) और यूके की एक नामी दवा कंपनी के नाम पर फर्जी दस्तावेज बनाकर निवेश का झांसा दिया और एक करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर ली। टालीगंज निवासी 53 वर्षीय संदीप घोष को कोला नट नामक एक विदेशी उत्पाद में निवेश के नाम पर ठगा गया।
ठगों ने उन्हें बताया कि डब्लूएचओ और एबट फार्मास्युटिकल्स यूके इस व्यापार में बड़ी भूमिका निभा रही हैं और बहुत जल्द भारी लाभ मिलेगा। आरोपियों ने फर्जी ईमेल, व्हाट्सएप मैसेज, नकली लेटरहेड और दस्तावेज़ों का सहारा लेकर संदीप घोष को झांसे में लिया। इस प्रक्रिया में उनसे कुल 1,10,41,250 रुपये की ठगी की गई। लंबे समय तक रिटर्न न मिलने पर संदीप घोष को शक हुआ और उन्होंने टालीगंज थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने जब जांच शुरू की, तो यह सामने आया कि यह पूरा मामला एक अंतरराष्ट्रीय ठगी गिरोह से जुड़ा हुआ है। जांच में यह भी पता चला कि आरोपी फिलहाल मोहाली में रह रहे हैं।
इसके बाद कोलकाता पुलिस की टीम ने पंजाब पुलिस की मदद से वहां छापा मारा और जिम्बाब्वे के तीन नागरिकों तीनाशे गाडजिकोया प्रेइस (22), मॉलवर्न मातुमगामिरे (25) और न्यामहुंगा लेनन कुदाकोवाशे (23) को गिरफ्तार किया। इनके पास से छह मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और कुछ बैंक दस्तावेज बरामद किए गए हैं। अभियुक्तों को मोहाली की अदालत में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता लाया जा रहा है।
पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या इस पूरे मामले में कोई बड़ा अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड रैकेट शामिल है। पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि किसी भी विदेशी निवेश या अज्ञात संस्था द्वारा अधिक लाभ देने के नाम पर आने वाले प्रस्तावों से सतर्क रहें और किसी भी वित्तीय लेन-देन से पहले सत्यापन अवश्य करें। यह मामला बताता है कि किस तरह अंतरराष्ट्रीय स्तर के ठग भारत में डिजिटल माध्यमों से लोगों को निशाना बना रहे हैं, और सतर्कता ही इसका सबसे बड़ा बचाव है।